मंगल दोष और उपाय
मंगल दोष को समझने से पहले हमे मंगल ग्रह के बारे में कुछ बातें जान लेनी चाहिए| मंगल २ राशियों, मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है| मंगल मकर राशि में उच्च और कर्क राशि में नीच का माना जाता है|
मंगल को ग्रहों में सेनापति का दर्जा हासिल है इसीलिए मंगल प्रभावित लोग साहसी, पराक्रमी, बलवान, गुस्सैल और ज़िद्दी किस्म के होते है|
शास्त्रों के अनुसार मंगल की शारीरक संरचना लाल रोम युक्त युवा जिसकी चार भुजाओं में गदा, त्रिशूल, वरमुद्रा और अभयमुद्रा है| मंगल की सवारी भेड़ है|
मंगल की महादशा ७ साल की होती है और इसकी शुभता-अशुभता का निर्णय कुंडली में स्तिथि के अनुसार होता है|
- मित्र ग्रह- सूर्य,चन्द्रमा और बृहस्पति
- शत्रु ग्रह-बुध
- सम ग्रह- शुक्र और शनि
- मंगल मंत्र: ॐ अं अंगारकाय नमः
मंगल दोष सुनते ही लोग डर जाते है और खुद के भविष्य को ले कर मन में तरह-तरह की शंका पाल लेते है| कुछ दोष उन लोगो का भी है जिन्होंने मंगल दोष का हौव्वा खड़ा किया हुआ है|
मंगल दोष क्या होता है? और मंगल दोष निवारण के ज्योतिषीय उपचार
माना जाता है की जब मंगल कुंडली के १,४,७,८,१२वे भाव में मौजूद हो तो मांगलिक दोष हो जाता है और ऐसे व्यक्ति को आम बोलचाल की भाषा में मांगलिक कहा जाता है, मोटे तौर पर इन भावों में मंगल ग्रह की स्तिथि को गृहस्त जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता, पर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले योग्य ज्योतिषी भाव की राशि, मंगल की डिग्री, बल, नक्षत्र,दृष्टि आदि का विचार करके ही कुंडली की विवेचना करते है |
कुंडली में मंगल दोष होने से जातक को विवाह समबन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे की विवाह में विलम्ब, तलाक या फिर पति-पत्नी में विवाद| ज्योतिष विज्ञान में मंगल को १ क्रूर और अग्नि तत्व ग्रह माना गया है, उपरोक्त भावों में मंगल होने से विवाह का भाव मंगल से प्रभावित हो जाता है और मंगल के सवभावानुसार विवाह में अग्नि तत्व को प्रधानता देता है|
मंगल दोष के ज्योतिषय उपचार निम्न है:
- सनातन धर्म के अनुसार मंगलवार का दिन हनुमानजी का होता है और हनुमान जी की उपासना मंगल प्रभावित व्यक्ति के लिए उतनी ही जरुरी है जितना की सांस लेना|
- हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड का पाठ नियमित रूप से करना मंगल को ठीक करने के लिए सबसे अच्छा उपाय है|
- मंगलवार के दिन हनुमानजी को मीठी रोटी और गुड़-चना का भोग लगाना, पान अर्पित करना विशेष लाभ देता है|
- मंगलवार को हनुमानजी की मूर्ति पर चमेली के तेल युक्त सिन्दूर चोला और लाल फूल की माला चढाने से समस्त समस्यायों का समाधान हो जाता है|
- कुछ जातको के लिए विवाह सम्बन्धी समस्याओं के निवारणार्थ कुछ ज्योतषीय उपचार जैसे की खेरी विवाह और कुम्भ विवाह का भी उल्लेख प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में मिलता है|
- योग्य एवं अनुभवी ज्योतिषी के उचित मार्गदर्शन में मूंगा रत्न धारण करने से भी फायदा होता है; किन्तु इस बात का विशेष ध्यान देना होगा की उचित मार्गदर्शन आवश्यक है|
- मंगल यन्त्र की स्थापना किसी अनुभवी और विद्वान पंडित के द्वारा करवा कर और नियमित पूजन करने से भी लाभ होता है|
- विवाह पूर्व यथोचित कुंडली मिलान करा लेना चाहिए, मांगलिक व्यक्ति का विवाह यदि मांगलिक व्यक्ति से करा जाए तो भी मंगल दोष का परिहार हो जाता है ऐसा उल्लेख भी कई जगह मिलता है|
- लाल किताब के अनुसार नियमित रूप से शहद का सेवन भी मंगल को शुभता प्रदान करता है|
- भाई-भाभी का सम्मान करना और सेवा करना भी मंगल के शुभ प्रभाव में बढ़ोतरी करता है|
- मसूर की दाल, गुड़, ताम्बा, लाल कपडे आदि का दान करना भी अचूक उपाय है मंगल को ठीक करने का|
- मंगल स्तोत्र का पाठ और मंगल मंत्र का जाप भी इसकी शुभता में बढ़ोत्तरी करता है|
मंगल प्रभावित होने पर व्यक्ति को अनुभवी और विद्वान ज्योतिषी का मार्दर्शन ले लेना चाहिए, जिसके की जीवन में आने वाली तकलीफो से निजात मिल सके और जीवन में खुशहाली हो|
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