हनुमान जन्म कथा और उनके विवाह का रहस्य

हनुमान जन्म कथा और उनके विवाह का रहस्य

हनुमान जन्मोत्सव चैत्र मास में पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है| वैसे तो हनुमान जन्मोत्सव हमेशा ही भक्तों के लिए कल्याणकारी होता है, पर इस २०१९ में हनुमान जन्मोत्सव २ शुभ संयोग के साथ आया है, इस बार गजकेसरी योग और चित्रा नक्षत्र का शुभ योग बना है| इस दिन हनुमान जी का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है|


हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव?


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी चिरंजीवी है और पृथ्वी पर ही है| कलियुग में हनुमान जी ही पृथ्वी लोक में सारी शक्तियों के सूत्रधार है| अब प्रश्न ये है की जब हनुमान जी पृथ्वी पर ही है तो उनकी जयंती कैसे मनाई जा सकती है क्यूंकि जयंती तो उनकी ही मनाई जाती है जो पृथ्वी छोड़ चुके है| इसीलिए हनुमान जयंती शब्द का प्रयोग अनुचित है, इसकी जगह हमें हनुमान जन्मोत्सव मनाना चाहिए|


हनुमान जन्म कथा:


प्राचीन धर्म ग्रंथों के अनुसार समुद्रमंथन में हलाहल विषपान के पश्चात महादेव ने मोहिनी अवतार के दर्शन किये इस से उन्हें वीर्यपात हुआ और पवन देव ने उस अंश को वानरराज केसरी की पत्नी अंजना जो की वास्तव में १ शापित अप्सरा थीं के गर्भ में स्थापित किया|
भगवान् शिव के अंश की वजह से ये ११वें रूद्र अवतार हुए और पवन देव की वजह से इन्हे पवनपुत्र भी कहा जाता है|

hanumaan janm katha


हनुमान जी के विवाह का रहस्य


हनुमान जी तो ब्रह्मचारी है ये बात सर्वविदित है और शत-प्रतिशत सच भी है| किन्तु हनुमान जी विवाहित है ये बात बहुत ही गूढ़ है और अधिकांश लोगों को इस बारे में कुछ नहीं पता|

पराशर संहिंता में भी इस बात का विवरण है|
हनुमान जी विवाहित है, इनकी पत्नी का नाम सुर्वंचला है जो की सूर्य देव की पुत्री है|
जब हनुमान जी अपने गुरु सूर्य से शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, सूर्यदेव ने हनुमान जी को ५  विद्याएं सीखा दी पर बाकी की ४ विद्या सीखने के लिए हनुमान जी का विवाहित होना जरुरी था|

हनुमान जी को महातेजस्वी जान कर सूर्यदेव ने खुद की पुत्री सुर्वंचला का विवाह प्रस्ताव हनुमान जी के समक्ष रखा| इस पर हनुमान जी ने कहा की वो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करेंगे तो विवाह कैसे संभव है उनके लिए|

सूर्यदेव ने हनुमान जी की शंका का समाधान करते हुए कहा की उनकी पुत्री सदैव तपस्या में लीन रहती है और विवाह के पश्चात् भी वो तुरंत हमेशा के लिए तपस्या में लीन हो जाएगी|
यह बात सुनकर हनुमान जी विवाह के लिए मान गए|

इस युक्ति से हनुमान जी का विवाह भी हो गया और ब्रह्मचर्य व्रत भी अखंड रहा|


hanumaan jee ke vivaah ka rahasy


हनुमान जी का सपत्नीक मंदिर

भारत के तेलंगाना राज्य में खम्मम में हनुमान जी का सपत्नीक मंदिर है, विश्वभर से यहाँ लोग इस विचित्र किन्तु चमत्कारिक मंदिर में दर्शन करने आते है| मान्यता है की इस मंदिर में दर्शन करने से वैवाहिक समस्याओं का समाधान होता है और पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है|

hanumaan jee ka sapatneek mandir


हनुमान जन्मोत्सव पर क्या करें?


इस दिन हनुमान जी का वैदिक पद्दति से पूजन करना विशेष लाभ देता है| वैसे तो हनुमान जी स्मरण करने मात्र से ही सभी कष्टों को हर लेते है पर राम नाम का स्मरण उन्हें विशेष प्रेरणा देता है|

हनुमान जन्मोत्सव को ये करें:

हनुमान मंदिर में जाएं और बजरंगबली के दर्शन करें|
राम नाम संकीर्तन करें| जहाँ पर राम नाम संकीर्तन होता है वहां पर हनुमान जी महाराज जरूर उपस्थित रहते है ऐसा उनका वचन है|

हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए|
हनुमान यज्ञ करने से सारी बाधाओं
से बंधन मुक्त हो जाते है और मनुष्य सुखमय जीवन की ओर अग्रसर होता है|
हनुमान जी को सिंदूर और चमेली के तेल का चोला चढ़ाएं|
उनको वानर रूप के कारण फल अतिप्रिय हैं, फलों में भी केला, अमरुद, अंगूर ख़ास पसंद है| ये फल हनुमान जी को अर्पण करें|
वस्त्र के रूप में हनुमान जी को लाल लंगोट अर्पण करनी चाहिए|
हनुमतप्रकाश मंत्र का जाप करना चाहिए|
यह ब्रह्मचारी हनुमाजी का दिन है तो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें और मर्यादित व्यवहार करें|
मांस, अंडा, मछली, शराब आदि का प्रयोग पूर्णतः वर्जित है|
भगवान् राम के अनन्य भक्त हनुमान जी को रिझाने के लिए सबसे आसान रास्ता है भगवान् राम का स्मरण और उनके सिद्धांतों का जीवन में अनुसरण करना|



महावीर हनुमान जी की कृपा आप पर बनी रहे|
हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभेच्छा|

श्री राम जय राम जय जय राम
मेरे राम की जय हो



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