12 राशियों का परिचय एवं उनका स्वभाव
ज्योतिष शास्त्र में सबसे ज्यादा महत्व राशियों और ग्रहों को दिया गया है| ज्योतिष में आकाश मंडल को 12 बराबर भागों में बांटा गया है और हर १ भाग एक निश्चित आकृति बनाता है| प्रत्येक आकृति 1 विशिष्ठ राशि का नेतृत्व करती है| प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार हर राशि का 1 स्वामी ग्रह होता है| आइये जानते है की कौनसी राशि का स्वामी ग्रह कौन सा है और उस राशि का स्वभाव कैसा है|
१२ राशियाँ:
मेष- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब मेष राशि के जातक होते हैं| मेष राशि का स्वामी मंगल है और इसकी आकृति मेंढे के सामान है| मेष राशि अग्नि तत्व राशि है और इसका स्वभाव चर राशि का है| इस राशि के लोग काफी चंचल और मस्तमौला किस्म के होते है| मेष राशि के इंसान ज्यादतर क्रोधी स्वाभाव के होते है और ज्यादातर मेष राशि के लोग आलसी होते है|
वृष- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब वृष राशि के जातक होते हैं| वृष राशि का स्वामी शुक्र है और इसकी आकृति वृष अर्थात बैल के समान है| वृष राशि पृथ्वी तत्व राशि है और इसका स्वभाव स्थिर राशि का है| वृष राशि के लोग सौंदर्य प्रिय होते है| वृष राशि के जातक ऐशो-आराम पसंद करते है और आमतौर पर इन्हें काफी व्यावहारिक देखा गया है|
मिथुन- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब मिथुन राशि के जातक होते हैं| मिथुन राशि का स्वामी बुध है और इसकी आकृति जुड़वां मनुष्यों के समान है| मिथुन राशि वायु तत्व राशि है और इसका स्वभाव द्विस्वभाव राशि का है| मिथुन राशि के जातक मिलनसार स्वभाव के होते है और समाज में घुल मिल कर रहना इन्हे पसंद होता है| पाठन और पठन के कार्य में भी ये लोग दक्ष माने जाते है|
कर्क- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) से जिन जातकों नाम शुरू होता है वो सब कर्क राशि के जातक होते हैं| कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा है और इसकी आकृति केकड़े के समान है| कर्क राशि जल तत्व राशि है और इसका स्वाभाव चर राशि का है| कर्क राशि के जातक भावनात्मक रूप से बहुत ज्यादा संवेदनशील होते है| इनकी याददाश्त भी गज़ब की होती है| इन्हे परिवार जन और मित्रों से घिरा हुआ होना पसंद होता है|
सिंह- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब सिंह राशि के जातक होते हैं| सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और इसकी आकृति शेर के समान है| सिंह राशि अग्नि तत्व राशि है और इसका स्वाभाव स्थिर राशि का है| सिंह राशि के जातकों में नेतृत्व करने की में क्षमता नैसर्गिक रूप से पायी जाती है| अमूमन सिंह राशि के जातक थोड़े क्रोधी स्वभाव के होते है किन्तु ये बहुत महत्वाकांक्षी भी होते है| साहसी होने के साथ ही इनकी निर्णय क्षमता भी गज़ब की होती है|
कन्या- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब कन्या राशि के जातक होते हैं| कन्या राशि का स्वामी बुध है और इसकी आकृति खड़ी कन्या के समान है| कन्या राशि पृथ्वी तत्व राशि है और इसका स्वाभाव द्विस्वभाव राशि का है| कन्या राशि के जातक में एक अच्छे प्रबंधक के गुण मौजूद होते है| वाणी में ओज और आकर्षक व्यक्तित्व इस राशि के जातकों ख़ास पहचान होती है|
तुला- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब तुला राशि के जातक होते हैं| तुला राशि का स्वामी शुक्र है और इसकी आकृति तराजू के समान है| तुला राशि वायु तत्व राशि है और इसका स्वाभाव चर राशि का है| तुला राशि के जातक शुक्र ग्रह से प्रभावित होते है, शुक्र जो की भोग और विलास का कारक ग्रह होता है उस से प्रभावित व्यक्ति भोगी और विलासी प्रवृति का होता है| जीवन में सांसारिक सुखों की तरफ इनका विशेष झुकाव होता है| चूँकि तुला का अर्थ तराज़ू होता है इस राशि के जातक हिसाब-किताब के माहिर होते है और जीवन के हर पहलु में समन्वय बना कर चलना पसंद करते है|
वृश्चिक- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (ना, नी, नु, ने, नो, या,यी,यु) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब वृश्चिक राशि के जातक होते हैं| वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और इसकी आकृति बिच्छू के समान है| वृश्चिक राशि जल तत्व राशि है| वृश्चिक राशि के जातक मंगल ग्रह से प्रभावित होते है, मंगल से प्रभावित होने की वजह से वृश्चिक राशि के जातक कर्मठ, झुझारू किस्म के होते है| आमतौर पर वृश्चिक राशि के जातकों में साहसी प्रवृति देखी गयी है| किसी भी कार्य को शुरू करने के बाद उस कार्य को समाप्त कर के ही दम लेते है| इस राशि के व्यक्ति बिच्छू के समान डंक मारने वाले होते है और वैर भाव होने पर अपनी बारी का इंतज़ार करते है और बदला ले कर ही दम लेते है|
धनु- हिंदी वर्णमाला के अक्षर ( य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे ) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब धनु राशि के जातक होते हैं| धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है और इसकी आकृति आधे अश्व और आधे धनुर्धारी पुरुष के समान है| धनु राशि अग्नि तत्व राशि है| धनु राशि के जातक बृहस्पति ग्रह से प्रभावित होते है, बृहस्पति से प्रभावित होने की वजह से धनु राशि के जातक धार्मिक, बुद्धिमान, और वाक्पटु किस्म के होते है| धनु राशि से प्रभावित व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते है और लक्ष्य भेदन के लिए साम, दाम, दंड और भेद आदि सभी नीतियों का प्रयोग करने में गुरेज़ नहीं करते है| सफलता के प्रति आसक्त होना इन्हे घातक बना देता है| आमतौर इन्हे विश्वस्त मित्र माना जाता है| देव गुरु बृहस्पति से संचालित होने से धनु राशि के जातक समाज में प्रतिष्ठित, धनी और सुखी होते है|
मकर- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब मकर राशि के जातक होते हैं| मकर राशि का स्वामी शनि है और इसकी आकृति मगरमच्छ के समान है| मकर राशि पृथ्वी तत्व राशि है| मकर राशि के जातक शनि ग्रह से प्रभावित होते है, शनि से प्रभावित होने की वजह से मकर राशि के जातक साहित्य के प्रेमी होते है खासकर कुम्भ राशि की स्त्रियां बहुत सुन्दर और गुणी होतीं हैं |
कुम्भ- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब कुम्भ राशि के जातक होते हैं| कुम्भ राशि का स्वामी शनि है और इसकी आकृति घड़े के समान है| कुम्भ राशि वायु तत्व राशि है| कुम्भ राशि के जातक शनि ग्रह से प्रभावित होते है, शनि से प्रभावित होने की वजह से कुम्भ राशि के जातक परोपकारी और मानवीय गुणों से ओतप्रोत होते हैं| इस राशि के जातक ज्यादतर कलाप्रेमी होते है, गूढ़ विद्याओं के जानकार होते है|
मीन- हिंदी वर्णमाला के अक्षर (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) से जिन जातकों का नाम शुरू होता है वो सब मीन राशि के जातक होते हैं| मीन राशि का स्वामी बृहस्पति है और इसकी आकृति २ मछलियों के समान है| मीन राशि जल तत्व राशि है| मीन राशि के जातक बृहस्पति ग्रह से प्रभावित होते है, बृहस्पति से प्रभावित होने की वजह से मीन राशि के जातक धार्मिक प्रवृति के होते है| लेखन, पठन और शिक्षा के क्षेत्र में परचम लहराते हैं|
श्री राम जय राम जय जय राम
मेरे राम की जय हो